मंगलवार, 8 नवंबर 2016

ये मौन है, वो कौन है

ये मौन है,
वो कौन है
जो सीमा पर
जान गंवा रहे,
बलिदान की नई
परिभाषा ये हमको
बता रहे,
आत्महंताओं को शहीद बता रहे
फिर वो कौन है
जो सीमा पर जान गंवा रहे।

सोमवार, 7 नवंबर 2016

अजीब है...

बड़ा अजीब है,
JNU में "39" वर्ष का छात्र है,
जिसका नाम नजीब है।
नजीब तुम जहाँ भी हो,
सुरक्षित घर आने की,
कोशिश करो,
मैं तुम्हारी सलामती की दुआ
कर रहा हूँ,
लेकिन मुझे डर है,
कि तुम्हारा "मुसलमान"
होना,
कहीं तुम वोट के भेड़ियों,
का शिकारी न बना दे,
हाँ, वही भेड़िये
जो बहुत शातिर हैं,
जो वोटों के लिए
"दलित"या "मुस्लिम"
शिकार ढूंढते है।
जिन्होंने TRP के लिए
"किसान"गजेंद्र को
उकसाया
पेड़ पर लटकाया,
वही भेड़िये जिन्होंने
एक पूर्व सैनिक को भी नहीं बख्शा
उससे आत्महत्या करवाकर,
उसे "शहीद" कर दिया।
तुम उनके लिए चुम्बकीय ध्रुव हो,
जहाँ उन्हें "वोट" आकर्षित करती है,
ऊपरवाला तुम्हे सलामत रखे
क्योंकि यूपी, पंजाब आदि में
चुनाव काफी करीब हैं,
न तुम न मैं,
वोट ही इनका हबीब है,
अजीब है,
नजीब है,।
#सुनीलसत्यम