रविवार, 9 अक्तूबर 2016

नही थकना है।

अब ठाना है,
ये माना है,
लड़ना है,
कुछ करना है
नही डरना है,
चाहे मरना है,
बस बढ़ना है,
नही थकना है,
बस चलना है,
क्योंकि मुझे जीतना है,
बस जीतना है।